पद्य 1 /
तेरे होठों पे वपोर की महक
तेरी ज़ुबान पे मेरी आख़िरी चुम्बन की दस्तक
तेरी साँसें मेरी गर्दन को छूती हैं
तेरे दाँत वहाँ टिकते हैं
जहाँ मुझे सबसे ज़्यादा डर लगता है
और तू साँसों से मुझे बुला रहा है…
प्री-कोरस /
तू जख़्म देता है मगर मैं मुस्कुराती हूँ
तेरा हर स्पर्श मुझे बहलाता है
तू मेरे चलने का ढंग तक बदल देता है
क्योंकि तेरा असर—
कोरस /
(मुझपे)
तू वो सफ़र है जिसे कोई नहीं सह पाए
(मुझपे)
तू वो राह है जिसमें मैं खुद को खो दूँ
ऊपर नीचे (आह आह)
ऊपर नीचे (आह आह)
जहाँ तू पूरा आता है मेरी दीवार से टकरा
और फिर… तू बहा, मैं पिघली, हम बह गए साथ
पोस्ट-कोरस /
तेरे कानों पर मेरे होंठों की छाप
तेरी साँसों में मेरी लोशन की खुशबू
ऊपर नीचे
ऊपर नीचे
पद्य 2 /
मेरे बाल फँसे हैं तेरी पलकों में
तेरी उँगलियाँ जमीं हैं मेरी पीठ पे
तेरी ज़ुबान मेरी साँसें खींचती है
(प्यासा है तू मेरी रूह का)
मेरा धुआँ ऐसे खींचता जैसे तूने मेरा बोझ उठाया हो
तेरे पाँव मेरे सोफ़े पर ऐसे जैसे तू यहीं रहता हो
और मैं तुझपे हँसती हूँ…
जो खुद को मेरा कहता फिरता है
प्री-कोरस /
मैंने तो बस इशारा किया था
और तूने सुना ही नहीं
मेरे कहने को तूने कभी अहमियत नहीं दी
कोई सुख नहीं मिला
बस उलझनों की दस्तक
मेरे दिमाग में तूने घर कर लिया
कोरस /
(मुझपे)
तू वो सफ़र है जिसे कोई नहीं सह पाए
(मुझपे)
तू वो राह है जिसमें मैं खुद को खो दूँ
ऊपर नीचे (आह आह)
ऊपर नीचे (आह आह)
जहाँ तू पूरा आता है मेरी दीवार से टकरा
और फिर… तू बहा, मैं पिघली, हम बह गए साथ
पोस्ट-कोरस /
तेरे कानों पर मेरे होंठों की छाप
तेरी साँसों में मेरी लोशन की खुशबू
ऊपर नीचे
ऊपर नीचे
ब्रिज /
आ जा, मुझे स्टेज पे नचने दे
कोको ऑयल की चमक में खुद को ढकने दे
मुझे बहका, मुझे खो दे
मैं चलना भी भूलना चाहती हूँ
तेरे बाज़ुओं में दफ़न हो जाऊँ
ले चल मुझे, कहीं भी…
आउट्रो /
हर हद तक (हर हद तक)
हर हद तक (हर हद तक)
तेरे कानों पर मेरे होंठ
तेरी साँसें मेरी लोशन की याद
ऊपर नीचे
ऊपर नीचे
तेरे कानों पर मेरी छाप
तेरी साँसें मेरी लोशन की बात